PAN 2.0 : टैक्सपेयर्स के लिए जरूरी है पैन 2.0 बनवाना?

भारत के टैक्स सिस्टम में पैन यानी परमानेंट अकाउंट नंबर का काफी अहम योगदान है। किसी भी बैंक खाते या फाइनेंशियल काम में पैन नंबर की जरूरत पड़ती है। ऐसे में सरकार ने हाल ही में पैन 2.0 का ऐलान किया है। यह मौजूदा पैन से कई प्रकार से अलग और बेहतर बनाया गया है। नया पैन डिजिटल युग के साथ तालमेल बिठाने और लोगों के समय की बचत के लिए काफी फायदेमंद है। जैसे आधार कार्ड का डिजिटल रूप से इस्तेमाल किया जाता है, अब पैन 2.0 का भी डिजिटल रूप से इस्तेमाल करना मुमकिन हो गया है।

मौजूदा पैन का लेटेस्ट वर्जन पैन 2.0 अब लॉन्च हो चुका है। आधार कार्ड की तरह पैन को भी कई प्लेटफॉर्म से जोड़ा जाएगा, जिससे पहचान का वेरिफिकेशन काफी आसान हो जाएगा। अब पैन जारी करने का प्रोसेस भी काफी तेज और रियल-टाइम कर दिया गया है। अभी तक फिजिकल पैन पाने के लिए आपको 10 से 15 दिनों का समय लगता था, लेकिन अब ई-पैन मिलने में केवल 3 दिन का समय लगेगा।

आधार और पैन का लिंक और मजबूत किया गया है ताकि पैन का गलत इस्तेमाल न हो सके। साथ ही पैन 2.0 में अपडेटेड बायोमेट्रिक डेटा जोड़ा जाएगा, जिससे पैन कार्ड और भी सुरक्षित हो जाएगा।

पैन 2.0 को आधार की तरह बैंक खाता खोलने, निवेश करने और टैक्स फाइलिंग जैसे कामों में आसानी से इस्तेमाल किया जा सकेगा। साथ ही यह धोखाधड़ी पर भी लगाम लगाएगा। पैन कार्ड में बायोमेट्रिक और आधार इंटीग्रेशन से पहचान की चोरी और पैन का गलत इस्तेमाल पूरी तरह बंद हो जाएगा। पैन 2.0 से इनकम टैक्स रिटर्न फाइलिंग भी काफी तेज और आसान हो जाएगी।

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